मिल के बिछड़ ना दस्तूर है ज़िंदगी का..
एक यहीं किस्सा माशुर है ज़िंदगी का...
बीते लम्हे कभी लौट के नही आते...
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का..
मिलना बिछड़ना तो किस्मत का खेल है,ओर किसी के दिल मई हमारे लिए चाहत होना खुदा की देन है.सुना है लोग इस दुनिया से बिछड़ कर उपर वाली आसमानी नीली दुनिया मे बस जाते है..उस बिछड़े लोगो का दर्द कभी कभी आसमान भी तो उठा नही पता.
तभी सयद जब आसमान मे बहोत बढ़ जाता है तो कोई तारा टूट कर गिरता है...
ओर
हमारे दिल मे दर्द बहोट बढ़ जाता है तब आँसू बनकर गिरता है..
"फिर कभी एक बार
दिल ने कहा आँखो से रोया करो कम
क्यू की रोते हो तुम तो तड़पते है हम
......फिर
आँखो ने कहा दिल से सोचा करो कम
क्यू की मायूस होते हो तुम ओर आँसू बहाते है हम...
ये आँसू बिना कहे दिल के हर जज़्बात को बयान कर जाते है..ख़ुसी हो या गुम हर दम साथ निभाते ही है...लाख छुपाना चाहे पर ये आँसू चुगली कर ही जाते है..
इसीलिए बहोट बार समजाते है इन आँसू ओ को की "तन्हाइयो मई आया करो यू भारी महफ़िल मई हमारा मज़ाक ना उड़ाया कारों पर आँसू ने पलट कर जवाब देना सिख लिया की भारी महफ़िल मे भी तुम तो तन्हा ही थे इसीलिए तुम्हारा साथ देने ही चले आए थे....
फिर एक बार ओर
दिल ने कहा आँखो से सुनहरे सपने देखा करो कूम, क्यूंकी निराशा के आँसू बहते हो तुम और उन आँसुओं से पिगल जाते है हम...
आँखो ने कहा दिल से. तन्हाईओं मे दिल की दूरिया करो कूम, क्योंकि प्यार मे खोए रहते हो तुम और बेताबी से इंतज़ार करते रहते है हम...
फिर भी कोशिश ये रहेगी की ना रोए कभी आँखे ..ना दुखे कभी दिल...ना हो लाबो पे ऐसी कोई बात..ओर नही कोई तमन्ना..बस यू ही चलती रहे ज़िंदगी ओर कट जाए सफ़र बिना आँसू...!!!!!!!!
........
एक यहीं किस्सा माशुर है ज़िंदगी का...
बीते लम्हे कभी लौट के नही आते...
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का..
मिलना बिछड़ना तो किस्मत का खेल है,ओर किसी के दिल मई हमारे लिए चाहत होना खुदा की देन है.सुना है लोग इस दुनिया से बिछड़ कर उपर वाली आसमानी नीली दुनिया मे बस जाते है..उस बिछड़े लोगो का दर्द कभी कभी आसमान भी तो उठा नही पता.
तभी सयद जब आसमान मे बहोत बढ़ जाता है तो कोई तारा टूट कर गिरता है...
ओर
हमारे दिल मे दर्द बहोट बढ़ जाता है तब आँसू बनकर गिरता है..
"फिर कभी एक बार
दिल ने कहा आँखो से रोया करो कम
क्यू की रोते हो तुम तो तड़पते है हम
......फिर
आँखो ने कहा दिल से सोचा करो कम
क्यू की मायूस होते हो तुम ओर आँसू बहाते है हम...
ये आँसू बिना कहे दिल के हर जज़्बात को बयान कर जाते है..ख़ुसी हो या गुम हर दम साथ निभाते ही है...लाख छुपाना चाहे पर ये आँसू चुगली कर ही जाते है..
इसीलिए बहोट बार समजाते है इन आँसू ओ को की "तन्हाइयो मई आया करो यू भारी महफ़िल मई हमारा मज़ाक ना उड़ाया कारों पर आँसू ने पलट कर जवाब देना सिख लिया की भारी महफ़िल मे भी तुम तो तन्हा ही थे इसीलिए तुम्हारा साथ देने ही चले आए थे....
फिर एक बार ओर
दिल ने कहा आँखो से सुनहरे सपने देखा करो कूम, क्यूंकी निराशा के आँसू बहते हो तुम और उन आँसुओं से पिगल जाते है हम...
आँखो ने कहा दिल से. तन्हाईओं मे दिल की दूरिया करो कूम, क्योंकि प्यार मे खोए रहते हो तुम और बेताबी से इंतज़ार करते रहते है हम...
फिर भी कोशिश ये रहेगी की ना रोए कभी आँखे ..ना दुखे कभी दिल...ना हो लाबो पे ऐसी कोई बात..ओर नही कोई तमन्ना..बस यू ही चलती रहे ज़िंदगी ओर कट जाए सफ़र बिना आँसू...!!!!!!!!
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SM PEOPLE R SO LOVELY ROMANT
ReplyDeleteINTENSE ND EXTREME AGAR AISA PYAR HUME MIL JAYE
TO .............HUM TO BANANA CHAHTE YHE EK THA TIGER PAR KAMBAKHT ISHQ NE TERE NAAM LIKH DI