दो तीन दिन पहले एक दोस्त ने बहोत अच्छी ओर सच्ची बात कही...!!
"कुछ सपनो को पूरा करने निकले थे घर से....
किसको पता था घर जाना ही एक सपना बन जाएगा.."
पर ज़िंदगी की एक सच्चाई ये भी है की....
किसी भी सपने को सच होने के लिए हक़ीकत बनना पड़ता है..ओर हक़ीकत ही वो ज़मीन भी है जिसमे सपनो के गिरने ओर उनके टूटने का डर होता है लेकिन जिस सपने मे सच होने की ताक़त है उसमे ना टूटने का होसला भी कही ना कही ज़रूर है.... ओर हम उस होसले को खो नही सकते सिर्फ़ अपने लिए नही उन सब के लिए जिनके सपनो को हमारी हक़ीकत से पंख मिलते है
"कुछ सपनो को पूरा करने निकले थे घर से....
किसको पता था घर जाना ही एक सपना बन जाएगा.."
पर ज़िंदगी की एक सच्चाई ये भी है की....
किसी भी सपने को सच होने के लिए हक़ीकत बनना पड़ता है..ओर हक़ीकत ही वो ज़मीन भी है जिसमे सपनो के गिरने ओर उनके टूटने का डर होता है लेकिन जिस सपने मे सच होने की ताक़त है उसमे ना टूटने का होसला भी कही ना कही ज़रूर है.... ओर हम उस होसले को खो नही सकते सिर्फ़ अपने लिए नही उन सब के लिए जिनके सपनो को हमारी हक़ीकत से पंख मिलते है
कभी कभी लगता है सपने बस बहकना जानते है सच होना नही..
ओर कभी वो हमसे आँख मिचोली करते हुए पता नही कब चुपके से दबे पॅव सच्चाई मे बदल जाते है..यही है सपनो की ताक़त लेकिन अक्षर हम खुद को ऐसी situations मे पाते है जो कभी ख्वाब मे भी नही देखी थी ओर तब हम ऐसे React करते है जो हम ने कभी सोचा भी नही था..... ओर Strangely जब भी ऐसा होता है हम खुद को मुस्कुराने से रोक नही पाते..!!
उससे फ़र्क उसे भी नही पड़ता की तुम्हारे साथ कौन है ओर कौन तुम्हारे Against है..फ़र्क पड़ता है तो सिर्फ़ उससे पड़ता है की तुम्हारे पास Option क्या है..मेरे लिए हारना एक Option होता तो शायद बहोत आसान होता..पर मेरे पास हारना ऑप्षन ही नही है मे सिर्फ़ जीत सकती हू...!!!
Awesome thoughts niki :)
ReplyDeleteThank youhhh punit
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