Wednesday 12 August 2015

हर बूँद की अपनी कहानी..!!


बूँदों में बसता है कोई
आहट में सजता है कोई ... धीरे धीरे इस खिड़की से मेरी साँसों के बिस्तर पर खुशबू सा कसता है कोई
कलियों सा हँसता है कोई  मौसम सा रचता है कोई

आसमान से गिरी हर बूँद की अपनी खुद की कहानी है...हर बूँद को अपनी मंज़ील खुद ही पानी है...!!!
कुछ बूँदो ने खेतो मे गिर कर फसलो को महकाया...
कुछ बूँदोने मिटी मे गिरकर अपनी भीनी खुश्बू से महकाया...
ओर कुछ कीचड़ मे गिरकर सबब बन गयी.....

pहर बूँद की अपनी कहानी..!!!!

कुछ किसी के घर की छत से टपकी....
कुछ किसी के चेहरे  पे गिरकर उसको मीठी सी मुस्कान दे गयी..!!!
तो कुछ बूंदे किसिके आँसू मे मिलकर उसको गम को छुपा गयी..!!!

कुछ बूंदे तो जैसे यादो  की सोगते लेके आई....
चाई  की चुस्की के साथ पुरानी यादे ताज़ा हो गयी...हर बूँद  मेरी  कहानी मे नये किरदार जोड़ती गयी..जब कभी यादो का रंग अगर फीका था तो हर किरदार धुँधला नज़र आया...!!! ओर जब कभी कुछ यादे हसीन  थी तो उसने हर किरदार पर रंग चड़ाया..!!!

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