Friday 6 September 2013

यारो की यारी....!!!!!

सुख दुख के अफ़साने का... ये राज़ है सदा मुश्कूराने का.....
ये पल दो पल की रिश्तेदारी नही...ये तो साथ है उमर भर निभाने का....

ज़िंदगी मे आकर कभी ना वापस जाने का...
ना जाने क्यो एक अजीब सी डोर मई बाँध जाने का.....


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इस मे  होती नही है शर्ते....
ये तो नाम है खुद एक शर्त मे बाँध जाने का....!!!...





दोस्ती रिश्ता नही रोने रुलाने का....
ये तो अरमान है एक खुशी के आशियाने का...



इसे काँटा ना बनने देना कभी
ये तो फूल है ज़िंगी की रहो को महकाने  का...





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