आँखो आँखो मे ही आओ गुफ्तगू कर लेते है....
फूल ना सही लफ़ज़ो से ही महका देते है इस समा को....
ये ज़माना बुरा ना मान जाए कहीं.........
चलो आज नज़रो से ही मुलाकाल कर लेते है...
फूल ना सही लफ़ज़ो से ही महका देते है इस समा को....
ये ज़माना बुरा ना मान जाए कहीं.........
चलो आज नज़रो से ही मुलाकाल कर लेते है...
कोई आँखो से बात कर लेता है तो कोई आँखो से ईशारा कर लेता है ..
ओर कोई कोई तो आँखो आँखो मे पूरी मुलाक़ात ही कर लेता है जनाब.....
पर बड़ा मुश्किल होता है जवाब देना जब कोई उन्ही आँखो से ही सवाल कर लेता है...
ओर कोई कोई तो आँखो आँखो मे पूरी मुलाक़ात ही कर लेता है जनाब.....
पर बड़ा मुश्किल होता है जवाब देना जब कोई उन्ही आँखो से ही सवाल कर लेता है...
वो बतुनी आअँखो का अंदाज़ ही बहोत निराला होता है..
कभी गम है तो कभी खुशी........
कभी हसती है कभी खुद हँसती है....
कभी रूलाती है कभी खुद रोती है......
ये सब समजती है ओर सब जानती भी है.... ज़ील सी है वो गहरी आँखे कभी कभी मदहोश कर जाती है पता ही नही चलता की कैसे......एक बार नज़रे उठा के देखा तो उन गहराइयो मे डूबा ले गयी पता ही नही चला कैसे.?..?...!!!!!
कभी गम है तो कभी खुशी........
कभी हसती है कभी खुद हँसती है....
कभी रूलाती है कभी खुद रोती है......
ये सब समजती है ओर सब जानती भी है.... ज़ील सी है वो गहरी आँखे कभी कभी मदहोश कर जाती है पता ही नही चलता की कैसे......एक बार नज़रे उठा के देखा तो उन गहराइयो मे डूबा ले गयी पता ही नही चला कैसे.?..?...!!!!!
दिलो की बातें बता देती है ये आँखे...हर किसी की धीमी धड़कानों को जगा देती हैं ये आँखें ...आता है जब दोर - ए - जवानी मेरे यारो....तब सुंदर सपने ज़हन मे बसा ही देती हैं
ये आँखें.... माना के नींद आती है आँखों के ही रस्तो से गुज़र कर.मगर कभी कभी नींद उड़ा देती हैं ये ही आँखें...
दिल पे चलता नही जादू चहेरो का हर बार........
कभी कभी तो......
दिल को तो दीवाना बना देती हैं सिर्फ़ यही आँखें......
ये आँखें.... माना के नींद आती है आँखों के ही रस्तो से गुज़र कर.मगर कभी कभी नींद उड़ा देती हैं ये ही आँखें...
दिल पे चलता नही जादू चहेरो का हर बार........
कभी कभी तो......
दिल को तो दीवाना बना देती हैं सिर्फ़ यही आँखें......
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