नयी नयी सी दोस्ती......
जानी-अंजनी मुलाक़ाते........
पल भर मे ख़तम होते है छोटे छोटे दिन......
ख़यालो मे डूबी लंबी लंबी रातें......
शायद यही से सुरू होती है प्यार की सौगाते......
जानी-अंजनी मुलाक़ाते........
पल भर मे ख़तम होते है छोटे छोटे दिन......
ख़यालो मे डूबी लंबी लंबी रातें......
शायद यही से सुरू होती है प्यार की सौगाते......
हर बारबहारों के शमा वही एक चेहरा नज़र आता रहा......
खो गया मेरा दिल खो गया मेरा ही साया..........
ना चाहते हुए भी कदम बार-बार डगमगाए........
खिचे चले गये उसकी तरफ जब जब वो मुस्कुराए.......
हर दिन और रात संग उसकी यादो मई गुज़रने लगे...
खवाबों में अपने हर रोज़ उनके ख्वाब देखेने लगे....
जब वो ख्वाब देखने की आदत पड़ने लगी.....
हक़ीकत की ये दुनिया बेरंग नज़र आने लगी.....
जो कभी ना होता था वो इस बार होने लगा.....
उस के साथ रहते रहते शायद हमें चाहत सी हो गयी......
उससे बात करते करते शायद हमें उसकी आदत सी हो गयी.......
दोस्ती निभाते निभाते शायद हमें मोहब्बत सी हो गयी…...
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