अजीब सी पहेली...!!!
जो चाहा कभी पाया ही नहीं....
जो पाया वो कभी सोचा ही ना था....
जो सोचा था वो तो कभी मिला ही नहीं....
जो मिला वो तो राश आया नहीं......
जो खोया वो हज़ारो बार याद आया....
पर....
जो मिला वो तो संभलता ही नहीं....
क्यो ये अजीब सी पहली है ज़िंदगी...
जिसे कोई सूलज़ा पता ही नहीं......???....!!!!
very true... as gulzar said;
ReplyDelete"Dono taraf se, bajti hai yeh
aaye haaye Zindagi, kya dholak hai...!!! "